नानाखेड़ा स्टेडियम में रखे पानी से भरे ड्रम में शनिवार सुबह वृद्ध की लाश मिली। घटनास्थल देखकर पुलिस और एफएसएल टीम भी चौंक गई। महज तीन फीट ऊंचे ड्रम में जिस परिस्थिति में शव मिला, उसे देख आत्महत्या का अंदेशा नहीं लग रहा था। तकनीकी पहलुओं पर जांच की गई तो मौके पर किसी भी तरह के संघर्ष के निशान नहीं मिले। पानी से जब वृद्ध का शव बाहर निकाला तो मुट्ठी बंद थी, इसी से आत्महत्या किया जाना प्रतीत हुआ।
नानाखेड़ा स्टेडियम में शनिवार सुबह चौकीदार ने ड्रम में लाश देखी तो पुलिस को सूचना दी कि हत्या हो गई। थाना प्रभारी ओपी अहीर समेत अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे जरूर लेकिन स्पष्ट रूप से कोई कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं था। इसके बाद एफएसएल अधिकारी डॉ प्रीति गायकवाड़ को बुलवाया गया। मौके पर पहुंची डॉ गायकवाड़ ने घटनास्थल की परिस्थिति देख आत्महत्या की जाना प्रतीत होना बताया। दोपहर तक मृतक की शिनाख्त बालूसिंह पिता पीराजी आंजना 67 साल निवासी सोड़वासा महिदपुर के रूप में हुई।
बालूसिंह के पुत्र नागूसिंह ने पिता की शिनाख्त की व बताया कि वह पांच दिन पूर्व घर से ओंकारेश्वर और शिप्रा स्नान का कहकर निकले थे। बेटे ने यह भी कहा कि मानसिक स्थिति भी ठीक थी, यहां आने के बाद बिगड़ी अथवा क्या हुआ ये नहीं बता सकता। जांच अधिकारी एसआई आरएल भगत ने बताया पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृत्यु का कारण स्पष्ट होगा।
एक दिन पूर्व दानीगेट क्षेत्र में निवस्त्र हो गया था, लोगों से कह रहा था- आत्महत्या कर लूंगा
वृद्ध की लाश मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच अधिकारी एसआई आरएल भगत ने बताया यह पता चला है कि एक दिन पूर्व वृद्ध दानीगेट क्षेत्र में दिखाई दिया था। इस दौरान उसने निवस्त्र होकर वहीं शौच कर दी व सड़क पर जाम जैसी स्थिति कर दी थी। इस दौरान लोगों से यह भी कहा था कि मैं आत्महत्या कर लूंगा। एसआई भगत ने बताया कि लोगों से इस बात की पुष्टि हुई है जिससे यह लगा कि संभवत: वृद्ध की मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। हालांकि परिजनों ने इस बात से इनकार करते हुए कहा है कि घर से निकले तब तो मनोस्थिति ठीक थी।
आसपास कोई संघर्ष की स्थिति नहीं पाई गई। मुट्ठी बंद थी, अगर संघर्ष होता तो हाथ खुले व बचाव की स्थिति में होते। अंतिम राय पीएम से स्पष्ट होगी। संभवत: ड्राउनिंग हो सकती है।-डॉ. प्रीति गायकवाड़, वरिष्ठ साइंटिफिक अधिकारी