– सोशल मीडिया पर एक बार फिर से एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। इस कटिंग में भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की फोटो बनी है। पोस्ट में उनके हवाले से एक बयान लिखा है। इस बयान के अनुसार ‘एपीजे अब्दुल कलाम ने मुसलमानों के बारे में कहा है, ‘मुसलमान पैदाइशी आतंकवादी नहीं होते बल्कि उन्हें मदरसों में ट्रेनिंग दी जाती है और भारत के सभी मदरसों पर प्रतिबन्ध लगाना बेहद ज़रूरी है।’ विश्वास न्यूज़ ने इस बयान की एक बार पहले भी पड़ताल की थी। उस समय हमने पाया था कि एपीजे अब्दुल कलाम ने ऐसा कोई बयान कभी नहीं दिया।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
इंस्टाग्राम यूजर pushpendrakulfa ने न्यूज़पेपर जैसी नज़र आने वाली कटिंग को शेयर किया, जिसमें कलाम की फोटो बनी है और साथ में लिखा है, ‘मुसलमान पैदाइशी आतंकवादी नहीं होते। उन्हें मदरसों में क़ुरान पढाई जाती है, जिसके अनुसार ये हिन्दू, बौद्ध, सिख, ईसाई, यहूदी और दूसरे गैर-मुसलमानों को चुन-चुन कर मारते हैं। आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए भारत में चल रहे हज़ारों मदरसों पर प्रतिबंद लगाना बेहद जरुरी है’: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पहले भी पड़ताल की थी। उस समय हमने वायरल पोस्ट के कीवर्ड को गूगल न्यूज़ सर्च के पर ढूंढा था। सर्च में हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला था, जिसको कलाम के नाम से वायरल किया जा रहा है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल न्यूज़पेपर की क्लिप को सर्च किया था। सर्च में किसी भी विश्वसनीय वेबसाइट पर हमें यह क्लिप नहीं मिली थी।
विश्वास न्यूज़ ने वायरल बयान से जुडी पुष्टि के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी और अब्दुल कलाम के परपोते शेख दाऊद से व्हाट्सप्प के ज़रिये संपर्क किया था। हमने वायरल पोस्ट्स उनके साथ शेयर की थी। उन्होंने हमें बताया था, ‘यह बयान पूरी तरह फ़र्ज़ी है। डॉ कलाम धर्म के मामले में इतनी बात कभी नहीं करते थे। यह साफ़ तौर पर फेक है।