भोपाल में 13 दिन से लापता एक वेंटर की लाश रेलवे ट्रेक पर मिली है। परिजनों के साथ जीआरपी भोपाल की टीम उसकी तलाश करीब दो सप्ताह से उसकी तलाश कर रही थी। सूखीसेवनिया पुलिस को उसका शव रविवार को मिला। पुलिस को आशंका है कि युवक ट्रेन से गिरकर हादसे का शिकार हुआ होगा। हालांकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सूखीसेवनिया पुलिस के अनुसार 42 साल के जीतेंद्र सिंह उर्फ जीतू पिता नरेश रजावत (ठाकुर) शिव नगर हिनौतिया अशोका गार्डन में रहते थे। वह केंटीन में वेंडर की नौकरी करता था। गत 6 दिसंबर की सुबह वह पठानकोट से भोपाल घर लौटा था। शाम को वह घर से अपने काम पर निकल गया। उसके ड्यूटी पर जाने के परिजनों ने उसे फोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
कई बार फोन करने के बाद भी जीतू से उनकी बात नहीं हो पाई। किसी तरह की आशंका के चलते परिजनों ने जीआरपी भोपाल में उसकी गुमशुदगी की शिकायत की। पुलिस को उसके मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन सूखीसेवनिया के आसपास मिली। इसके बाद से ही जीआरपी और परिजन उसकी तलाश कर रहे थे।
पुलिस को आशंका है कि काम के दौरान वह ट्रेन से गिर गया होगा। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा। परिजनों ने पुलिस को बताया कि जीतू परिवार में सबसे बड़ा था। उसके दो छोटे भाई और एक बहन है। वह ही पूरे घर की जिम्मेदारी उठाता था।
तेरह दिन बाद मिली लाश
सूखीसेवनिया पुलिस को रविवार सुबह चौपड़ा कला के पास लाश मिली थी। थाना प्रभारी वीबीएस सेंगर ने बताया कि लाश काफी पुरानी होने के कारण उसकी शिनाख्त करना मुश्किल थी। कपड़े वेंडर की तरह होने के कारण पुलिस ने जीआरपी से संपर्क किया। जीआरपी ने जीतू ठाकुर नाम के युवक की 7 दिसंबर से गुम होने की जानकारी दी। इसके बाद ही परिजनों को शिनाख्ती के लिए बुलाया गया। परिजनों ने ही मौके पर पहुंचकर शव की शिनाख्त की।