जम्मू- कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में बुधवार को 2 आतंकी मारे गए। आईजी कश्मीर विजय कुमार के मुताबिक मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान जैश-ए- मोहम्मद के टॉप कमांडर यासिर पारे और पाकिस्तानी आतंकी फुरकान के तौर पर की गई है।
फुरकान एलियास अली एक खूंखार आतंकी था। वह 26 जून से जेश-ए-मोहम्मद में जुड़कर काम कर रहा था। उसे कश्मीर में कट्टरता फैलाने के लिए भेजा गया था। वह युवाओं को बिजनमैन्स के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रेरित करता था।
यासिर पारे एक्सप्लोसिव (बम) बनाने में माहिर था। दोनों आतंकियों ने कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया था। यासिर पुलवामा के कासबयार का रहने वाला था। उसने 20 जून 2019 को JEM ज्वाइन किया। यासिर का काम पाकिस्तानियों को कश्मीर में दाखिल कराने का था।
सुरक्षाबलों को आतंकियों के पुलवामा के कस्बा यार इलाके में छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और CRPF ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और मुठभेड़ में दोनों को ढेर कर दिया। एनकाउंटर साइट से दो AK 47, दो पिस्टल और दूसरे कई हथियार बरामद किए गए।
पारे ने बनाई थी पुलवामा हमले की योजना
यासिर पारे CRPF के काफिले पर हमले की योजना बनाने वाले पाकिस्तानी आतंकी अबू सेफुल्ला उर्फ लंबू का सहयोगी था। 17 जून 2019 को अरिहाल में एक विस्फोटक के जरिए यासिर ने सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रची थी।
कश्मीर में कम हुईं आतंकी वारदात
गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में 2018 के बाद से घुसपैठ और आतंकवादी हमलों की घटनाओं में कमी आई है। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अक्टूबर 2020 से अक्टूबर 2021 के दौरान सुरक्षा बलों के 32 जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 19 कर्मियों ने कार्रवाई में अपनी जान गंवाई। वहीं, दिसंबर 2020 से 26 नवंबर 2021 तक पिछले 12 महीनों में 165 आतंकी मारे गए और 14 को पकड़ लिया गया।
उन्होंने बताया कि 2018 में कुल 143 घुसपैठ की घटनाएं हुईं। 2021 के नवंबर महीने तक घुसपैठ की सिर्फ 28 घटनाएं ही दर्ज की गई हैं। 2018 में 417 आतंकी घटनाएं हुईं। 21 नवंबर 2021 में कुल 244 आतंकवादी घटनाएं दर्ज की गईं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकी घटना में मारे गए नागरिकों के परिजनों को 1 लाख रुपए दिए हैं। वहीं, केंद्र की योजना के तहत 5 लाख रुपए भी दिए गए हैं।